अदरक

अदरक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अदरक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तीन फुट ऊँचा एक पौधा जिसकी पत्तियाँ लबी जड़ या गाँठ तीक्ष्ण और चरपरी होती

    विशेष
    . यह भारतवर्ष के प्रत्येक गर्म भाग में तथा हिमालय पर ४००० से २००० फुट तक की ऊँचाई पर होता है । इसकी गाँठ मसाल, चटनी, अचार और दवाओं में काम आती है । यह गर्म और कटु होता है तथा कफ, वात, पित्त और शूल का नाश करती है । अग्निदीपक इसका प्रधान गुण है । गाँठ को जब उबालकर सुखा लेते हैं तब उसे सोंठ कहते हैं ।

  • एक प्रकार के पौधे की तीक्ष्ण और चरपरी जड़ या गाँठ

    उदाहरण
    . अदरक औषध और मसाले के रूप में प्रयुक्त होता है ।

  • एक प्रकार का पौधा जिसकी तीक्ष्ण और चरपरी जड़ या गाँठ औषध और मसाले के काम आती है

    उदाहरण
    . अदरक की जड़ शरीर के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है ।

अदरक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • ginger

अदरक के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अद्रिक

विशेषण

  • एक कंद जो मशाला भी है

अदरक के कन्नौजी अर्थ

अदरख

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पौधा जिसकी जड़ की गाँठें दवा, चटनी, अचार आदि के रूप में खायी जाती हैं

अदरक के कुमाउँनी अर्थ

अदरख

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अदरक, जिसके लिए आ द, दूसरा कुमाऊँनी शब्द है

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