akah meaning in braj
अकह के ब्रज अर्थ
विशेषण
-
जो कही न जा सके , अकथनीय , अवर्णनीय
उदाहरण
. सहज रूप गुन आगर नागर वैभव अकह -रहीम -
न कहने योग्य , मुंह पर न लाने योग्य अनुचित , बुरी
उदाहरण
. सील सुधा वसुधा लहिक, अकहै कहिक यह जीभ बिगारिये। दे
अकह के हिंदी अर्थ
विशेषण
-
न कहने योग्य, जो कही न जा सके, अकथनीय, अनिर्वचनीय, अवर्णनीय
उदाहरण
. नहीं ब्रह्म, नहिं जीव न माया ज्यों का त्यों वह जाना। मन, बुधि, गुन, इंद्रिय, नहिं जाना अलख अकह निर्वाना। -
मुँह पर न लाने योग्य, बुरी, अनुचित
उदाहरण
. शील सुधा वसुधा लहिकै अकहै कहिकै यह जीभ बिगारिए।
अकह के बुंदेली अर्थ
क्रिया
- बिना कहे हुए
अकह के तुकांत शब्द
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