अकलंक

अकलंक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अकलंक के मैथिली अर्थ

  • दे. कलङ्क

अकलंक के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • कलंक रहित, निष्कलंक, जिसमें कोई दोष न हो, निर्दोष, बेदाग़, निर्मल, शुद्ध

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक जैन लेखक जिनका नाम भट्ट अकलंक देव था
  • दोष, लांछन, ऐब, दाग़

    उदाहरण
    . ठाने अठान जेठानिन हूँ सब लोगन है अकलंक लगाए।

अकलंक के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • निष्कलंक , दोषरहित , निर्दोष , बेदाग

    उदाहरण
    . भनहूँ राजति रजनि पूरन कला अति 11 अकलंक। सूर


पुल्लिंग

  • दोषं , लांछन , ऐब , दाग

    उदाहरण
    . ठाने अठान जेठानिन हूँ सब लोगन हूँ—अकलंक लगाए।

अकलंक के तुकांत शब्द

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