alekh meaning in braj
अलेख के ब्रज अर्थ
विशेषण
-
जिसका लेखा, नाप जोख या अंदाज न हो सके , बहुत अधिक
उदाहरण
. काहे कि रन में मरन तें जस जगमगात अलेख - जो दिखाई न दे
- जो सहज में समझ में न आवे, दुर्बोध
- जिस पर किसी का ध्यान न गया हो
- जो जाना न जा सके , अज्ञय ए
-
अभूतपूर्व , पु० देवता
उदाहरण
. साजि तिय नरभेषनि सहित अलेखनि करहि असेपनि गानन कों ।
अलेख के हिंदी अर्थ
विशेषण
-
अदृश्य
उदाहरण
. सितासित अरुनारे पानिप के राखिबे कों, तीरथ के पति हैं अलेख लखि हारे हैं । -
जिसके विषय में कोई भावना न हो सके, दुर्बोध, अज्ञेय
उदाहरण
. अगुन अलेख अमान एक रस । राम सगुन भए भक्त प्रेम बस । -
जिसका लेखा न हो सके, बेहिसाब, बेअंदाज, अनगिनत, बहुत अधिक
उदाहरण
. योग जप ध्यान अलेख । तीरथ फिरे धरे बहु भेख ।
संज्ञा, पुल्लिंग
-
देवता, देव
उदाहरण
. सजि तिय नरभेषनि सहित अलेखनि करहिं असेषनि गानन कों ।
अलेख के मैथिली अर्थ
विशेषण
- जकर लेखा नहि हो, असङ्ख्य
- दे. अलेख्य
Adjective
- countless.
अलेख के तुकांत शब्द
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