amrityog meaning in hindi

अमृतयोग

अमृतयोग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अमृतयोग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फलित ज्योतिष में एक शुभ फलदायक योग

    विशेष
    . रविवार को हस्त, गुरुवार को पुष्य, बुंध को अनुराधा, शनि को रोहिणी, सोमवार को श्रवण, मंगल को रेवती, शुक्र को अश्विनी। ये सब नक्षत्र अमृतयोग में कहे जाते हैं। रवि और मंगलवार को नंदा तिथि अर्थात् परिवा, षष्ठ और एकादशी हो, शुक्र और सोमवार को भद्रा अर्थात् द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी हो बुधवार को ज्या अर्थात् तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी, गुरुवार को रिक्ता अर्थात् चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी हो, शनिबार को पूर्णा अर्थात् पंचमी, दशमी और पूर्णिमा हो तो भी अमृतयोग होता है। इस योग के होने से भद्रा और व्यतीपात आदि का अशुभ प्रभाव मिट जाता है।

    उदाहरण
    . अमृतयोग बहुत शुभदायक होता है।

अमृतयोग के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • यात्रामे शुभाशुभक अनुसार दिन आ तिथिक संयोग-विशेष

Noun, Masculine

  • an auspicious time in the day.

अमृतयोग के तुकांत शब्द

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