anangshekhar meaning in braj

अनंग शेखर

अनंग शेखर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अनंग शेखर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दंडक नामक वर्ण वृत्त का एक भेद जिसमें ३२ वर्ण होते हैं और लघु गुरु कोई क्रम नहीं होता

अनंग शेखर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दंड़क नामक वर्णवृत्त का एक नेद जिससें ३२ वर्ण होते है ओर लघु गुरु का कोई क्रम नही, होता, जैसे—गरज्जि सिंहनाद लो निनाद मेघनाद वीर क्रुद्ध आन सान सों कृसानु बाण छंड़ियं (शब्द॰)

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