अंकोल

अंकोल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अंकोल के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पहाड़ी पेड जिसकी छाल दवा के काम आती है

अंकोल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पेड़ जो सारे भारतवर्ष में प्राय: पहाड़ी जमीन पर होता है

    विशेष
    . यह शरीफ के पेडसे मिलता जुलता है । इसमें बेर के बरा— बर गोल फल लगने है जो पकने पर काले हो जाते हैं । छिलका हटाने पर इसके भीतर बीज पर लिपटा हुआ सफद गूदा होता जो खाने में कुछ मीठा होता है । इस पेड़ की लकड़ी कड़ी होती है और छड़ी आदि बनाने के काम में आती है । इसकी जड की छाल दस्त लागे, वमन कराने, कोढ़ और उपदंश आदि चर्मरोगों को दूर करने तखथा सर्प आदि विषैले जंतुओं के विष को हटाने में उपयोगी मानी जाती है ।

अंकोल के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाला एक पेड़ जिसके पत्ते शरीफे के पेड़ के पत्तों के जैसे होते हैं और फल बेर के बराबर तथा काले होते हैं, इस पेड़ के फल तथा छाल कई रोगों के उपचार के काम आती है

अंकोल के तुकांत शब्द

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