अँकुड़ा

अँकुड़ा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अँकुड़ा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लोहे झुका हुआ टेढ़ा काँटा
  • लोङे का भुवा हुआ टेढ़ा छड़ जिससे चुड़िहार लोग भट्ठी से गला हुआ काँच निकालते हैं
  • टेढ़ी झुकी हुई कील वा कँटिया जिसमें तागे अँटकाकर पटवा वा पटहार काम करते है
  • लोहे का एक टेढ़ा, काँटा जो लकड़ी आदि तौलनेवाली बड़ी तराजू की ड़ाँड़ी के बीचोबीच लगा रहता है
  • कुलाबा, पायजा
  • लोहे का एक गोल पच्चड़ जो किवाड़ की चूल में ठोंका रहता है
  • लोहे का एक छड़ जिसका एक सिरा चिपटा होता है और दूसरा टेढ़ा औप झुका हुआ, चिपटे सिरे को काँटे से किवाड़ के पल्ले में जड़ देते है ओर झुके हिस्से को साह के कोढ़ों में ड़ाल देते है, इसी पर पल्ला घूमता है अर्थात् खुलता और बंद होता है
  • रेशमी कपड़ा बुननेवालों का मछली के आकार का काठका एक औजार जिसके सिरे पर एक छेद होता है, इस छेद में एक खूंटी गड़ी, रहती है जिसमें दलथंभन से बँधी हुई रस्सी लपेटी रहती है
  • गाय बैल के पेट का दर्द या मरोड़ जिसे एँचा भी कहते हैँ,
  • खूँटी, नागदंत, — (कौ॰)
  • पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े, जो छतें, सड़कें आदि बनाने के काम में आते हैं
  • लोहे का वह छल्ला जिसके द्वारा चौखट से किवाड़ जकड़े रहते हैं
  • तीर, तलवार या बरछी आदि के तेज धारवाला या आगे का धारदार भाग
  • कोई चीज फँसाने या टाँगने आदि के लिए बना हुआ लोहे आदि का टेढ़ा काँटा
  • लोहे का बना हुआ एक टेढ़ा काँटा जिससे कोई चीज़ फँसाकर निकालते या टाँगते हैं
  • टेढ़ी कटिया; (हुक)
  • जलयानों का लंगर; (एंकर)
  • बुनकरों का एक औज़ार
  • पशुओं के पेट में होने वाली मरोड़; ऐंठन
  • कोई चीज टाँगने, निकालने या फंसाने के लिए बना हुआ टेढ़ा काँटा, टेढ़ी कटिया, हुक
  • गाय, बैल के पेट में होनेवाला मरोड़, ऐंठन

अँकुड़ा के बुंदेली अर्थ

अंकुड़ा

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कोई चीज निकालने या फँसाने के लिये बना हुआ टेढा कांटा, हुक, गाय बैल के पेट में होने वाला मरोड़, रेशमी कपड़ा बुनने वाला एक औजार

अँकुड़ा के मगही अर्थ

संज्ञा

  • दे. 'अँकुरा'

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