अनुहारि

अनुहारि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अनुहारि के अंगिका अर्थ

विशेषण

  • अनुकरण करने वाला

अनुहारि के हिंदी अर्थ

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • आकार, परिमाण, गुण, मूल्य, महत्व आदि के विचार से एक जैसा, समान, सदृश, तुल्य, बराबर

    उदाहरण
    . गिरि समान तन अगम अति, पन्नग की अनुहारि। . चुनरी स्याम सतार नभ, मुख ससि की अनुहारि। नेह दबावत नींद लौं, निरखि निसा सी नारि।

  • योग्य, उपयुक्त

    उदाहरण
    . बर अनुहारि बरात ना भाई। हंसी करैहहु पर पुर जाई।

  • अनुसार, अनुकूल, मुताबिक़

    विशेष
    . इस विशेषण का लिंग भी 'नाई' के समान है अर्थात् यह शब्द संज्ञा पुं॰ और संज्ञा स्त्री॰ दोनों का विशेषण होता है।

    उदाहरण
    . कहि मृदु बचन विनीत तिन्ह, बैठारे नर नारि। उत्तम मध्यम नीच लघु, निज निज थल अनुहारि।


संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • आकृति, चेहरा

    उदाहरण
    . ज्यों मुख मुकुर बिलोकिए, चित न रहै अनुहारि, त्यों सेवतहु निरापने मातु पिता सुत नारि।

अनुहारि के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • समता (चेहरे की)

अनुहारि के कन्नौजी अर्थ

  • देखिए : अनुहार

अनुहारि के ब्रज अर्थ

अनुहारी

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • समान, सदृश, तुल्य

    उदाहरण
    . गिरि-समान तन अगम अति, पन्नग की अनुहारि।

  • योग्य, उपयुक्त
  • आकृति, रूप, प्रतिच्छवि

    उदाहरण
    . सूर सुर-नर सबै मोहे, निरखि यह अनुहारि।

  • भेद, प्रकार

    उदाहरण
    . बहु मिष्टान्न बहुत बिधि भोजन व्यंजन अनुहारि। . पति समदेव न दूसरौ, बधू हिएँ अनुहारि।

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