ap.Dhaar meaning in braj
अपढ़ार के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- झुकाव , ढरकाव अव्य
-
अपने आप ही , स्वतः ही
उदाहरण
. नां जानों कहां चले जात अपढारे ।
अपढ़ार के हिंदी अर्थ
विशेषण
-
बेढंगे तौर से ढलनेवाला
उदाहरण
. अरु जौ अपढार दरै न ढरै, गुन त्यौ तंकि लागत दोष महा । -
सरलता से ढलनेवाला
उदाहरण
. यह रावरीयै रसरीती अजू अपढार ढरौ इत पासों कहौं । -
आपसे आप ढलनेवाला
उदाहरण
. जमुना जस जैसे मन भायो । जमुना ही अपढार कहायो ।
अपढ़ार के तुकांत शब्द
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