aras-paras meaning in angika
अरस-परस के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- लड़कों का छुआ छुई खेल, आँख मिचौली स्पर्श करना और देखना
अरस-परस के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
बच्चों का एक खेल जिसके शुरू में एक लड़के की आँख मूँदी रहती है और उसके बाद वह आँख खोलकर बाकी छिपे बच्चों को ढूँढता है, लड़कों का एक खेल , आँखमिचौनी , छुआछुई , अँखमुनाल
विशेष
. इस खेल में एक लड़के को अलग कर देते है । वह लड़का आँख मूँदता है ओर सब लड़के दूर भाग जाते है । जब उससे आँख खोलने को कहते है तो वह औरों की छूने के लिये दौड़ता है । जिसे बह छू लेता है वह भी अलग किया जाता है और फिर उसे भीआँख मूँदनी पड़ती है ।उदाहरण
. गुरू बतावै साध को साधु कहैं गुरु पुज । अरस परस के खेल में भई अगम की सूझ -
देखना
उदाहरण
. बिनु देख बिनु अरस परस बिनु नाम लिए का होई । धन के कहे धनिक जो हो तो निर्धन रहत न कोई । - किसी चीज़ या काम की देख-रेख करते हुए उसे बनाए रखने और अच्छी तरह चलाए रखने की क्रिया या भाव
पंजाबी
- दर्शन और अंगस्पर्श
- हाथ से छूना, स्पर्श करना
अरस-परस के मगही अर्थ
संज्ञा
- आलिंगन करना, बाहु पाश में लेकर मिलना; मिलन, जान-पहचान
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