aras meaning in braj
अरस के ब्रज अर्थ
विशेषण
- जिसमें रस न हो , नीरस , रसहीन
- बिना स्वाद का, फीका
- अनाड़ी, गँवार
- कमज़ोर, निर्बल
पुल्लिंग
- आलस्य
अकर्मक क्रिया
- आलस्य से युक्त होना
- ढीला मंद या शिथिल होना
अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
आकाश
उदाहरण
. सेनापति जीवन अधार निरधार तुम, जहाँ को ढरत तहाँ टूटत अरस तें। - स्वर्ग
- बहुत ऊँचा भवन , महल
- कमरे की छत या पाटन
अरस के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; विशेषण
- जिसमें कोई स्वाद न हो, बिना स्वाद का, फीका, स्वादहीन
- जो रोचक न हो
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
आलस्य
उदाहरण
. नहिंन दुरत हरि प्रिय कौ परस । उपजत है मन को अति आनँद, अधरनि रँग, नैननि को अरस । - वह व्यक्ति जिसमें बुद्धि न हो या कम हो
अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग
- छत, पाटन
-
धरहरा, महल
उदाहरण
. मारु मारु कहि गारि दे, धिक गाइ चरैया। कंस पास ह्वै आइए कामरी ओढ़ैया। बहुरि अरस तैं आइ कै, तब अंबर लोजौ। . अरस नाम है महल कौ, जहँ राजा बैठे। गारी दै दैसब उठे, भुज निज कर ऐठे। -
आकाश
उदाहरण
. चलकर महल निकट गिर पहुँचिय चढ़ रज अरस फरक धुज चाहि । - मुसलमानों के मतानुसार सबसे ऊपर वाला स्वर्ग जहाँ ख़ुदा रहता है
अरस के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएअरस के अंगिका अर्थ
विशेषण
- नीरस
अरस के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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