arill meaning in braj
अरिल्ल के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- राग विशेष
-
सोलह मात्राओं का एक छंद जिसके अंत में दो लघु अथवा एक नगण होता है परन्तु इसमें जगण का निषेध होता है
उदाहरण
. अंत भगन भनि पाय पुमि बारह मत्त बखान, चौसठ मत्ता पाय चहुँ यों अरिल्ल मन मान ।
अरिल्ल के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- सोलह मात्राओं का एक छंद जिसके अंत में दो लघु अथवा एक यगण होता है, परंतु इसमें जगण का निषेध है, भिखारीदास ने इसके अंत में भगण माना है, जैसे,—ले हरिनाम मुकुंद मुरारी, नारायण भगवंत खरारी (शब्द॰)
अरिल्ल के तुकांत शब्द
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