ashTaang meaning in hindi

अष्टांग

अष्टांग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अष्टांग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • योग की क्रिया के आठ भेद- यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि

    उदाहरण
    . भक्ति पंथ कौं जो अनुसरै। सो अष्टांग जोग कौ करै।

  • आयुर्वेद के आठ विभाग- शल्य, शालाक्य, कार्यचिकित्सा, भूतविद्या, कौमारभृत्य, अगदतंत्र, रसायनतंत्र और बाजीकरण
  • शरीर के आठ अंग- जानु (घुटना), पद (पाँव), हाथ, उर (छाती), सिर, वचन, दृष्टि, बुद्धि, जिनसे साष्टांग प्रणाम करने का विधान है
  • सूर्य को दिया जाने वाला वह विशेष अर्घ्य जिसमें जल, दूध, घी, शहद, दही, लाल चंदन, कनेर, और कुशा ये आठ पदार्थ मिलाते हैं

विशेषण

  • आठ अवयवों या घटकों वाला
  • आठ अंगों वाला
  • अठ-पहला, आठ पहल या पार्श्व का

अष्टांग के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • योग की क्रिया के आठ भेद-यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि

    उदाहरण
    . सो अष्टांग जोग को करें।

  • आयुर्वेद के आठ विभाग-शल्य, शालाक्य १५२ कायाचिकित्सा, भूतविद्या, कौमारभृत्य, अगदतंत्र, रसायनतंत्र और वाजीकरण
  • शरीर के आठ अंग-जानु, पद, हाथ, उर, शिर, वचन, दृष्टि, बुद्धि
  • अर्घविशेष जो सूर्य को दिया जाता है, इसमें जल, क्षीर, कुशाग्र, घी, मधु, दही, रक्त-चन्दन और करवीर होते हैं

विशेषण

  • आठ अवयव वाला
  • अठपहल

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