ashTapad meaning in braj
- स्रोत - संस्कृत
- देखिए - अष्टपाद
अष्टपद के ब्रज अर्थ
- सोना ; शरभ ; मकड़ी
- कृमि ; कैलास ; धतूरा
- आठ पैरों वाला
अष्टपद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग
-
अष्टपाद, एक कीड़ा जो अपने शरीर से निकले हुए एक प्रकार के तंतुओं से जाला बनाकर उसमें छोटे कीटों आदि को फँसाता है
उदाहरण
. अष्टपद का भोजन उसके जाल में फँसे हुए छोटे कीट होते हैं।
अष्टपद के तुकांत शब्द
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