असोस

असोस के अर्थ :

असोस के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • जो सोखा न जा सके, अशोष्य
  • न सूखने वाला

    उदाहरण
    . गोपिनु के असुवन भरी सदा असोस अपार ।

असोस के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जो सूखे नहीं, न सूखनेवाला

    उदाहरण
    . (को) कबिरा मन का माँहिला अबला वहै असोस । देखत ही दह में परै देय किसी को दोस । . गोपिन कै अंसुवनु भरी सदा असोस अपार । डार डगर नै ह्वै रही बगर बगर के बार ।

असोस के तुकांत शब्द

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