अथ

अथ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अथ के हिंदी अर्थ

अव्यय

  • एक मंगलसुचक शब्द जिससे प्राचीन काल में लोग किसी ग्रंथ या लेख का आरंभ करते थे, जैसे—(क) 'अथतो धर्म व्याख्यास्याम:', —वैशोषिक, [ख] 'आथातो ब्रह्माजिज्ञासा', —ब्रह्मासूत्र, पीछे से यह ग्रंथ के आरंभ में उसके नाम के पहले लिखा जाने लगा, जैसे—'अथ विनयपत्रिका लिख्यते'
  • अब
  • अनंतर, तदनंतर

अथ के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

अथ के कुमाउँनी अर्थ

अव्यय

  • कुमाऊँ ने प्राचीन परम्परा के अनुसार किसी रचना को आरम्भ करने के लिए मंगलसूचक शब्द, 'अथ' और अन्तिम शब्द 'इति' होता था

अथ के ब्रज अर्थ

  • ग्रन्थारम्भ में प्रयुक्त होने वाला शब्द , इसका विलोम ‘इति' है जो ग्रन्थ के अन्त में प्रयुक्त होता है
  • पश्चात् , तदनन्तर
  • अब

अकर्मक क्रिया, अकर्मक

  • अस्त होना, डूबना

    उदाहरण
    . चहुँ-फल-भवन, गह्यौ, सारंग-रिपु-बाजि धरा

  • कम होना
  • समाप्त हो जाना

    उदाहरण
    . अथए नछत्र ससि, अथई न तेरी रिस ।

अथ के मगही अर्थ

अव्यय

  • एक मंगल सूचक शब्द; इसके बाद, अब , अथ से इति ले-क्रिवि. आद्योपांत, आरंभ से अंत तक

अथ के मैथिली अर्थ

क्रिया-विशेषण, आलंकारिक

  • आब, अतःपर

Adverb, Classical

  • Denotes begining.

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