baalgrah meaning in braj
बालग्रह के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- बच्चों के प्राण संघारक नवग्रह- स्कंद, स्कंदापस्मार, शकुनी, रेवती, पूतना, गंधपूतना, शीतपूतना, मुखमंडिका, नैगमेय
बालग्रह के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
छोटे बच्चों के लिए प्राणघातक नौ ग्रह जिनके नाम ये हैं—(1) स्कंद (2) स्कंदापस्मार (3) शकुनी (4) रेवती (5) पूतना (6) गंधपूतना (7) शीतपूतना (8) मुखमंडिका (9) नैगमेय
विशेष
. कहते हैं, जिस घर में देवयाग और पितृयाग आदि न हो, देवता, ब्राह्मण और अतिथि का सत्कार न हो आचार-विचार आदि का ध्यान न रहता हो, उसमें इन ग्रहों में से कोई ग्रह घुसकर गुप्त रूप से बालक की हत्या कर डालता है। यद्यपि बालक पर भिन्न-भिन्न ग्रहों के आक्रमण का भिन्न-भिन्न परिणाम होता है, तथापि कुछ लक्षण ऐसे हैं जो सभी ग्रहों के आक्रमण के समय प्रकट होते हैं। जैसे, बच्चे का बार-बार रोना, उद्विग्न होना, नाखू़नों या दाँतों से अपना या दूसरे का बदन नोचना, दाँत पीसना, होंठ चबाना, भोजन न करना, दिल धड़कना, बेहोश हो जाना इत्यादि। बालग्रह का प्रकोप होते ही उनकी शांति के लिए पूजन आदि किया जाना चाहिए। साधारणतः ये कुछ विशिष्ट रोग ही हैं जो ग्रहों के रूप में मान लिए गए हैं।
बालग्रह के मैथिली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- शिशु का रोग विशेष
Noun, Masculine
- a child disease, convulsion
बालग्रह के तुकांत शब्द
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