baa.nsaa meaning in hindi
बाँसा के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
बाँस का बना हुआ चोंगे के आकार का वह छोटा नल जो हल के साथ बँधा रहता है , अरना , तार
विशेष
. इसी में बोने के लिये अन्न भरा रहता है जो नीचे की ओर से गिरकर खेत में पड़ता है । - नाक के ऊपर की हड्डी जो दोनों नथनों के ऊपर बीचोबीच रहती है
- पीठ की लंबी हड्डी जो गरदन के नीचे से लेकर कमर तक रहती है , रीढ़
-
एक प्रकार का बाँस
उदाहरण
. बाँसा से एक प्रकार का लाल रंग प्राप्त होता है । -
बाँस की वह छोटी नली जो बीज बोने के लिए हल के परिहत में बँधी रहती है
उदाहरण
. बाँसा में बीज भर देते हैं जो हराई में गिरता रहता है । - वह कड़ी हड्डी जो नाक का ऊपरी भाग बनाती है
- मनुष्यों और बहुत से जीव-जंतुओं में पीठ के बीच की लम्बी खड़ी हड्डी जिसमें गरदन से लेकर कमर पर की त्रिकास्थि तक माला की तरह गुथी हुई कशेरुकाएँ होती हैं
- एक प्रकार की घास जिसकी पत्तियाँ बाँस की पत्तियों की तरह होती हैं
- पियाबाँसा नाम का पौधा जिसमें चंपई रंग के फूल लगते हैं और जिसकी लकड़ी के कोयले से बारूद बनती थी; उक्त पौधे का फूल
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रकार का छोटा पौधा , पियाबाँसा
विशेष
. इस पौधे में चंपई रंग के बहुत सुंदर फूल लगते हैं । इसके बीज बहुत छोटे और काले रंग के होते हैं । इसकी लकड़ी के कोयलों से बारूद बनती है ।उदाहरण
. मोथा नीब चिरायत बाँसा । पीतपापरा पित कहँ नासा । - एक प्रकार की घास
संस्कृत ; क्रिया-विशेषण
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पास, समीप, बगल
उदाहरण
. प्रीतम वाँसइ जाइ नइँ मुई सुणाए मुझ्झ ।
बाँसा से संबंधित मुहावरे
बाँसा के कन्नौजी अर्थ
बाँसो
संज्ञा, पुल्लिंग
- नाक के नीचे की उभरी हुई हड्डी
बाँसा के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- दे०-बाँस; बसेरा, किसी लम्बी यात्रा को तय करने के लिए बीच में रुकने को 'बाँसा' कहते हैं;
बाँसा के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- नाक, बीज बोया जाने वाला बाँस का डंडा, किसी गाँव विशेष का नाम
बाँसा के मगही अर्थ
बांसा
संज्ञा
- नाक के नथुनों के बीच की हड्डी; पीठ की रीढ़ नीचे सिर और ऊपर पैर कर ठहरने की एक मुद्रा या आसन, शीर्षासन; (बांस) एक प्रकार का पतला बांस, फुलबासा, फुलबसा
बाँसा के तुकांत शब्द
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