baarahakhrii meaning in braj
बारहखरी के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- वर्णमाला, जिसमें व्यंजनों में स्वरों की मात्राएँ लगाकर वर्णध्वनि की शिक्षा दी जाती है
बारहखरी के मगही अर्थ
- बर्णमाला के वे सभी व्यंजन जिसमें प्रत्येक में अ से अ: तक बारह स्वरों को मिलाकर बोलते या लिखते हैं, यथा, क, का, कि, की, कु, कू, के, के, को, कौ, कं, क:, इसी प्रकार अन्य व्यंजन वर्ण
बारहखरी के तुकांत शब्द
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