ba.D-hal meaning in kannauji
बड़हल के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- कटहल की जाति का एक पेड़ और उसका फल
बड़हल के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक बड़ा पेड़ और उसका फल
विशेष
. यह वृक्ष संयुक्त प्रदेश, पश्चिमी घाट, पूर्व बंगाल और कुमाऊँ की तराई में बहूत होता है । इसके पत्ते छह सात अंगुल लंबे और पाँच छह अंगुल चौड़े और कर्कश होते हैं । फूल बेसन की पकौड़ी के समान पीले पीले गोल गोल होते हैं । उनमें पंखड़ियाँ नहीं होती । फल पकने पर पीले और छोटे शरीफे के बराबर पर बड़े बेडौल होते हैं । वे गोल गोल उभार के कारण बट्टों से मिलकर बने मालूम होते हैं । खाने में खट- मीठे लगते हैं । पके गूदे का रंग पीलापन लिए लाल होता है । इसके फूल और कच्चे फल अचार और तरकारी के काम आते हैं । वड़हल के हीर की लकड़ी कड़ी और पीली होती है और नाव तथा सजावट के सामान बनाने के काम की होती है । आसाम में इसकी छाल से दाँत साफ करते हैं । वैद्य लोग इसके फल को बहुत बादी मानते हैं । -
एक प्रकार का वृक्ष जिसका बेडौल,मीठा फल खाने के काम आता है
उदाहरण
. बंदर बड़हल पर चढ़कर बैठा हुआ है । -
एक वृक्ष से प्राप्त खाद्य फल जो बेडौल होता है
उदाहरण
. वह बड़हल खा रहा है । - पहाड़ की तराई में होने वाला एक वृक्ष
- उक्त वृक्ष पर लगने वाला खट्टा-मीठा फल जिसका अचार भी बनाया जाता है
- उक्त पेड़ का फल जो अचार बनाने अथवा यों ही खाने के काम आता
- एक प्रकार का बड़ा पेड़ जो पश्चिमी घाट, पूर्व बंगाल और कुमाऊँ की तराई आदि में बहुत होता है
बड़हल के ब्रज अर्थ
- फल विशेष
बड़हल के तुकांत शब्द
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