ba.Dh meaning in braj
बढ़ के ब्रज अर्थ
विशेषण, अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक
- बढ़ा हुआ; अधिक ; मूर्ख
- बढ़ती ; बाढ़
-
वृद्धि होना; तरक्की होना; अग्रसर होना; प्रतियोगिता में आगे होना; लाभ के रूप में धन प्राप्त होना; समाप्ति होना ; बुझा देना
उदाहरण
. दिया बढ़ाएँ हूँ रहै, बड़ो उज्यारो गेह ।
बढ़ के हिंदी अर्थ
बढ़
विशेषण
- बढ़ा हुआ, अधिक, ज़्यादा
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
बढ़ती, ज़्यादती
विशेष
. इस शब्द का प्रयोग अकेले नहीं होता है।
बढ़ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएबढ़ के अंगिका अर्थ
बढ़
विशेषण
- अधिक, लम्बा होने, आगे बढ़ना, नाप से अधिक वजन
बढ़ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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