बहुव्रीहि

बहुव्रीहि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बहुव्रीहि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • व्याकरण में छह् प्रकार के समासों में से एक जिसमें दो या अधिक पदों के मिलने से जो समस्त पद बनता है वह एक अन्यपद का विशेषण होता है, जैसे,— पीतांबर, आरूढ़वानर (वृक्ष) = वह वूक्ष जिसपर बंदर आरूढ़ हो
  • बहुत ब्रीहिवाला जन, वह व्यक्ति जिसके पास धान अधिक हो

बहुव्रीहि के तुकांत शब्द

संपूर्ण देखिए

बहुव्रीहि के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a relative or adjective compound, the last member of which loses its character of a substantive and together with the first member serves to qualify a noun

बहुव्रीहि के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • व्याकरणमे अन्यपदप्रधान समास

Noun

  • exo-centric compound.

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