बैजन्ती

बैजन्ती के अर्थ :

बैजन्ती के मैथिली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जया, सर्वजया फूल जकर बीजक जपमाला होइत अछि

Noun, Feminine

  • A flower; Cana indica.

बैजन्ती के हिंदी अर्थ

बैजंती

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • फूल के एक पौधे का नाम, वैजयंती

    विशेष
    . इसके पत्ते हाथ-हाथ भर तक के लंबे और चार-पाँच अंगुल चौड़े धड़ या मूल काँड से लगे हुए होते हैं। इसमें टहनियाँ नहीं होतीं, केले की तरह कांड सीधा ऊपर की ओर जाता है। यह हलदी ओर कचूर जाति का पौधा है। कांड के सिर पर लाल या पीले फूल लगते हैं। फूल लंबे और कई दलों के होते हैं और गुच्छों में लगते हैं। फूलों की जड में एक-एक छोटी घुंडी होती है जो फूल सूखने पर बढ़कर बोंड़ी हो जाती है। यह बोंड़ी तिकोनी और लंबोतरी होती है जिस पर छोटी-छोटी नोक या कँगूरे निकले रहते हैं। बोंड़ी के भीतर तीन कोठे होते हैं जिनमें काले-काले दाने भरे हुए निकलते हैं। ये दाने कड़े होते हैं और लोग इन्हें छेदकर माला बनाकर पहनते हैं। यह फूलों के कारण शोभा के लिए बग़ीचे में लगाया जाता है। संस्कृत में इसे वैजयंती कहते हैं।

    उदाहरण
    . राजति उर बैजती माल। चलत जु मत्त द्विरद की चाल। . माली उपवन में बैजंती लगा रहा है।

  • विष्णु की माला या कृष्ण के गले का एक हार

    उदाहरण
    . बैजंती माला में पाँच प्रकार के अमूल्य रत्न या कई प्रकार के पुष्प गुँथे होते हैं।

बैजन्ती के ब्रज अर्थ

बैजंती

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह पुष्प माला जो भगवान् विष्णु धारण करते हैं, फूल का एक पौधा
  • बैठने का स्थान, बैठक, अधिवेशन, जमाव, जमावड़ा, किसी मूर्ति के नीचे की चौकी, आसन
  • यमलोक के मार्ग में मिलने वाली एक बड़ी भयंकर बैतरनी
  • बैठने का ढंग

बैजन्ती के मगही अर्थ

बैजंती

हिंदी ; संज्ञा

  • एक पौधा जिसमें लंबे फूल गुच्छे में लगते हैं

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