बेपार

बेपार के अर्थ :

बेपार के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • व्यापार

बेपार के हिंदी अर्थ

बयपार

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का बहुत ऊँचा वृक्ष जो हिमालय की तराई में 6000 से 11000 फुट की उँचाई तक अधिकता से पाया जाता है

    विशेष
    . इसकी लकड़ी यदि सीड़न से बची रही तो बहुत दिनों तक ज्यों की त्यों रहती है और प्रायः इमारत में काम आती है। इस लकड़ी का कोयला बहुत तेज़ होता है और लोहा गलाने के लिए बहुत अच्छा समझ जाता है। इसकी छाल से जंगलों में झोपड़ियाँ भी छाई जाती हैं।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • व्यापार, बैपार, बयपार

    उदाहरण
    . जानो बहु बयपार पारख हथ्यार, मार जानो गिरि दीलद्याल ठीटें सब षाठ कों।

बेपार के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • व्यापार

बेपार के मगही अर्थ

संज्ञा

  • खरीद-बिक्री का धंधा, रोजगार; चालचलन (काम काज)

बेपार के मैथिली अर्थ

  • दे. व्यापार

बेपार के मालवी अर्थ

क्रिया

  • व्यापार व्यवसाय, जिसका कोई पार न हो।

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