bhaashaasam meaning in braj

भाषासम

भाषासम के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भाषासम के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • अलंकार विशेष

भाषासम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का शब्दालंकार, काव्य मे केवल ऐसे शब्दों की योजना जो कई भाषाओं में समान रुप से प्रयुक्त होते हैं

    उदाहरण
    . मंजुल मणि मंजीरे कलगंभीरे विहार सरसी तीरे । विरसासि केलि कीरे किमालि धीरे च गंधसार समीरे । यह श्लोक संस्कृत, प्राकृत, शौरसेनी, नागर अपभ्रंश, अवंती आदि अनेक भाषाओं में इसी रुप में होगा ।

भाषासम के तुकांत शब्द

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