bha.nvarkalii meaning in angika
भँवरकली के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- लोहे या पीतल की वह कड़ी जो कील में इस प्रकार जड़ी रहती है कि चारों ओर घूम सके
भँवरकली के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
लोहे वा पीतल की वह कड़ी जो कील में इस प्रकार जड़ी रहती है कि वह जिधर चाहे, उधर सहज में घुमाई जा सकती है
विशेष
. यह प्रायः पशुओं के गले की सिकड़ी या पट्टी आदि में लगी रहती है। पशु चाहे जितने चक्कर लगावें, पर इसकी सहायता से उसकी सिकड़ी में बल नहीं पड़ने पाता। घूमने वाली कुंडी या कड़ी।
भँवरकली के ब्रज अर्थ
भवरकली
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- लोहे या पीतल की वह कड़ी जो हर तरफ़ घुमाई जा सके
भँवरकली के मगही अर्थ
संज्ञा
- दरवाज़ा, खिड़की आदि को दृढ़ करने की लोहा, पीतल आदि की घूमने वाली कड़ी
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