bhiimrathii meaning in braj
भीमरथी के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- शस्य पर्वत से निकलने वाली एक सरिता जिसके जल में स्नान करने का बड़ा माहात्म्य है ; मनुष्य की वह अवस्था विशेष जो उसके सतहत्तर वर्ष के सातवें मास सातवीं रात्रि को होती है, इसे पुण्यात्मा हो पार कर पाते हैं
भीमरथी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- पुराणानुसार सहय पर्वत से निकली हुई एक नदी जिसमें स्नान करने का बहुत माहात्म्य है
- वैद्यक के अनुसार मनुष्य की वह अवस्था जो 77 वें वर्ष के सातवें मास की सातवीं रात समाप्त होने पर होती है, कहते हैं, मनुष्य के लिए यह रात बहुत कठिन होती है; और जो इसे पार कर जाता है, वह बहुत पुण्यात्मा होता है
भीमरथी के तुकांत शब्द
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