bhilaavaa.n meaning in braj
भिलावाँ के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक वृक्ष तथा उसका फल
भिलावाँ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रसिद्ध जंगली वृक्ष जो सारे उत्तरी भारत में असम से पंजाब तक और हिमालय की तराई में 3500 फुट की ऊँचाई तक पाया जाता है
विशेष
. इसके पत्ते गूमा के पत्तों के समान होते हैं। इसके तने को पाछने से एक प्रकार का रस निकलता है जिससे वार्निश बनता है। इसमें जामुन के आकार का एक प्रकार का लाल फल लगता है जो सूखने पर काला और चिपटा हो जाता है और जो बहुधा औषध के काम में आता है। कच्चे फलों की तरकारी भी बनती है। पक्के फल को जलाने से एक प्रकार का तेल निकलता है जिसके शरीर में लग जाने से बहुत जलन और सूजन होती है। इस तेल से बहुधा भारत के धोबी कपड़े पर निशान लगाते हैं जो कभी छूटता नहीं। इसमें फिटकरी आदि मिलाकर रंग भी बनाया जाता है। कच्चे फल का ऊपरी गूदा या भीतरी गिरी कहीं-कहीं खाने के काम में भी आती है। वैद्यक में इसे कसैला, गरम, शुक्रजनक, मधुर, हल्का तथा वात, कफ़, उदररोग, कुष्ट, बवासीर, संग्रहणी, गुल्म, ज्वर आदि का नाशक माना जाता है। - भिलावाँ वृक्ष से प्राप्त होने वाला फल जो औषधि में काम आता है, भल्लातक
भिलावाँ के तुकांत शब्द
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