bichchhitti meaning in braj

बिच्छित्ति

बिच्छित्ति के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बिच्छित्ति के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • काव्य शास्त्र में एक हाव, वह हाव जिसमें थोडे से सजधज के कारण नायिका अत्यधिक सुशोभित होने लगती है

    उदाहरण
    . सो बिच्छित्ति सुहाव है, बरनत बुद्धि निकेत ।

बिच्छित्ति के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • शृंगार रस के ११ हावों में से एक जिसमें किंचित् शृंगार से ही पुरुष को मोहित कर लिया जाना वर्णन किया जाता है, जैसे,—बेंदी भाल तमोल मुख सीस सिलसिले बार, द्दग आँजे राजै खरी साजे सहज सिंगार, —बिहारी (शब्द॰)

बिच्छित्ति के तुकांत शब्द

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