बिरज

बिरज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बिरज के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • निर्मल, शुद्ध
  • रजोगुण रहित

    उदाहरण
    . ब्रम्हा जो व्यापक बिरज अज अकल अनीह अभेद ।

बिरज के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्रज 1 मचलना. 2. क्रुद्ध होना

बिरज के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्रजक्षेत्र, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि

    उदाहरण
    . प्र. मैं तौ भई ना बिरज की मोर (लो.गी)।

बिरज के ब्रज अर्थ

बिरज'

विशेषण

  • गुणहीन ; सुख वासना रहित ; निर्मल , विमल , स्वच्छ ; निर्दोष , वह स्त्री जिसको मासिक धर्म न होता हो

पुल्लिंग

  • विष्णु ; शिव ; धृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम ; ब्रज मंडल

बिरज के मगही अर्थ

संज्ञा

  • श्री कृष्ण की लीला भूमि, मथुरा के आस-पास का क्षेत्र

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