बिस्तार

बिस्तार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - बिस्तरु

बिस्तार के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • फैलाव , प्रसार ; वृक्ष की डाली; गुच्छा ; शिवजी का एक नाम ; विष्णु का एक नाम

बिस्तार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बिस्तार, फैलाव

    उदाहरण
    . रूप तिलक, कच कुटिल किरनि छबि कुंडल कुल बिस्तार ।

बिस्तार के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विस्तार

बिस्तार के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फैलाव

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