biyaap meaning in braj
बियाप के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक
- आठ प्रकार के ऐश्वर्यों में से एक
- व्यापना, फैलना; एक पदार्थ में दूसरे पदार्थ का पूर्ण रूप से मिलना या फैला हुआ होना
बियाप के तुकांत शब्द
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