brahmpuraaN meaning in hindi
ब्रह्मपुराण के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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अठारह पुराणों में से एक
विशेष
. पुराणों में इसका नाम पहले आने से कुछ लोग इसे आदि पुराण भी कहते हैं। मत्स्यादि पुराणों में इसके श्लोकों की संख्या दस हजार लिखी है। पर आजकल 7000 श्लोकों का ही यह पुराण मिलता है। जिस रूप में यह पुराण मिलता है, उस रूप में प्राचीन नहीं जान पड़ता। इसमें पुरुषोत्तम क्षेत्र का बहुत अधिक वर्णन है। जगन्नाथ जी और कोणादित्य के मंदिर आदि का 40 अध्यायों में वर्णन है। 'पुरुषोत्तम प्रासाद' से जगन्नाथ जी के विशाल मंदिर का अभिप्राय है जिसे गांगेय वंश के राजा चोडगंग ने वि॰ सं॰ 1134 में बनवाया था। उत्तरखंड में मारवाड़ की बलजा नदी का माहात्म्य है। कृष्ण की कथा भी आई है, पर अधिकतर वर्ण तीर्थों और उनके माहात्म्य का है।
ब्रह्मपुराण के तुकांत शब्द
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