चरणामृत

चरणामृत के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - चरनामृत

चरणामृत के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • वह जल जिसमें किसी देवमूर्ति को स्नान कराया गया हो

चरणामृत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह पानी जिसमें किसो महात्मा या बड़े के चरण धोए गए हों , पादोदक
  • एक में मिला हुआ दूध, दही, घी शक्कर और शहद जिसमें किसी देवमूर्ति को स्नान कराया गया हो

    विशेष
    . हिंदू लोग बड़े पूज्य भाव से चरणामृत पीते हैं । चरणामृत बहुत थोड़ी मात्रा में पीने का विधान हैं ।

चरणामृत से संबंधित मुहावरे

चरणामृत के गढ़वाली अर्थ

  • इष्ट देव को चढ़ाया गया दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण जो भजन-कीर्तन या पूजन के बाद प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है
  • a mixture of milk, curd, ghee, honey and sugar which is offered to a deity and thereafter distributed among devotees.

चरणामृत के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • देवताक पाएर पर चढ़ाओल जल जे पुण्यार्थ पिअल जाइत अछि

Noun

  • water with which feet of idol is washed (It is taken by devotees for religious merit.).

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