चांडाल

चांडाल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चांडाल के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • see चंडाल

चांडाल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन जाति, श्वपच, मातंग, पुक्कस

    विशेष
    . मनु के अनुसार चांडाल शूद्र पिता और ब्राह्मणी माता से उत्पन्न हैं और अत्यंत निम्न माने गए हैं। उनकी बस्ती ग्राम के बाहर होनी चाहिए, भीतर नहीं। इनके लिए सोने-चाँदी आदि के बरतनों का व्यवहार निषिद्ध है। ये जूठे बरतनों में भोजन कर सकते हैं। चाँदी-सोने के बरतनों को छोड़ और किसी बरतन में यदि चाँडाल भोजन कर ले तो वह किसी प्रकार शुद्ध नहीं हो सकता। कुत्ते, गदहे आदि पालना, मुर्दे का कफ़न आदि लेना, तथा इधर-उधर फिरना इनका व्यवसाय ठहाराया गया है। यज्ञ और किसी धर्मानुष्ठान के समय इनके दर्शन का निषेध हैं। इन्हें अपने हाथ से भिक्षा तक न देनी चाहिए, सेवकों के हाथ से दिलवानी चाहिए। रात्रि के समय इन्हें बस्ती में नहीं निकलना चाहिए। प्राचीन काल में अपराधियों का वध इन्हीं के द्वारा कराया जाता था। लावारिसों की दाह आदि क्रिया भी वही करते थे।

    उदाहरण
    . चांडाल भी समाज के अभिन्न अंग होते हैं।

  • (गाली) क्रूर या निष्ठुर मनुष्य, पतित मनुष्य, कुकर्मीं, दुष्ट, दुरात्मा

    उदाहरण
    . उसकी बात मत करो वह बहुत बड़ा चांडाल है।

चांडाल के ब्रज अर्थ

चंडाल

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन जाति
  • (लाक्षणिक) निम्न, दुष्ट एवं पतित व्यक्ति

  • चांडाल

चांडाल के मैथिली अर्थ

चाण्डाल

संज्ञा, पुल्लिंग

  • (लाक्षणिक) वधिक, जल्लाद

Noun, Masculine

  • executioner

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