chand meaning in garhwali
छन्द के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- अनुकूल समय, सुविधा, सुयोग, बढ़िया स्थिति या मौका
- परिस्थिति, इन्तजाम, व्यवस्था
क्रिया-विशेषण, स्त्रीलिंग
- तरीका, परिस्थिति, अनुकूलता, मौका, अवसर
संज्ञा, पुल्लिंग
- गीत संगीत की विशेष बनावट, वर्ण मात्रा आदि की गिनती के विचार से होने वाली वाक्य रचना, पद्य
Noun, Masculine
-
opportune time, good opportunity, correct method or manner, favourable condition, occasion.
उदाहरण
. छंद विन्द
Adverb, Feminine
- correct method, system, manner, setting, opportunity.
Noun, Masculine
- metre, stanza, poetic composition.
छन्द के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- metre, measure
छन्द के हिंदी अर्थ
छंद
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- एक आभूषण जो हाथ में चूडियों के बीच पहना जाता है
-
वेदों के वाक्यों का वह भेद जो अक्षरों की गणना के अनुसार किया गया है
विशेष
. इसके मुख्य सात भेद हैं गायत्री, उष्णिक्, अनुष्टुप, बृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप् और जगती । इनमें प्रत्येक के आर्षी, दैवी, आसुरी, प्रजापत्या, याजुषी, साम्नी, आर्ची और ब्राह्मी नामक आठ आठ भेद होते हैं । इनके परस्पर संमिश्रण से अनेक संकर जाति के छंदों की कल्पना की गई है । इन मुख्य सात छंदों के अतिरिक्त अतिजगती, शक्वरी, अतिशक्वरी, अष्टि, अत्यष्टि, धृति, अतिधृति कृति, प्रकृति, आकृति, विकृति, संस्कृति, अभिकृति और उत्कृति नाम के छंद भी हैं जो केवल यजुर्वेद के यजुओं में होते हैं । वैदिक पद्य के छंदों में मात्रा अथवा लघु गूरू का कुछ विचार नहीं किया गया है; उनमें छंदों का निश्चय केवल उनके अक्षरों की संख्या के अनुसार होता है । - वेद , वि॰ 'वेद'
-
वर्ण तथा यति (विराम) के नियमों के अनुरूप वाक्य या पद्यात्मक रचना, छंदशास्त्र में वर्ण या मात्राओं का वह निश्चित मान जिसके आधार पर पद्य लिखा जाता है
विशेष
. यह दो प्रकार का होता है—वर्णिक और मात्रिक । जिस छंद के प्रति पाद में अक्षरों की संख्या और लघु गुरू के क्रम का नियम होता है, वह वर्णिक या वर्णवृत्त और जिसमें अक्षरों की गमना और लघु गुरू के क्रम का विचार नहीं, केवल मात्राओं की संख्या का विचार होता है, वह मात्रिक छंद कहलाता है । रोला, रूपमाला, दोहा, चौपाई इत्यादि मात्रिक छंद हैं । वंशस्थ, इंद्रवज्रा, उपेंद्रवज्रा, मालिनी, मंदाक्रांता इत्यादि वर्णवृत्त हैं । पादों के विचार से वृत्तों के तीन बेद होते हैं—समवृत्ति, अर्धसम वृत्ति और विषमवृत्ति । जिस वृत्ति में चारों पाद समान हों वह समवृत्ति, जिसमें वे असमानहों वह विषमवृत्ति और जिसके पहले और तीसरे तथा दूसरे और चौथे चरम समान हों । वह अर्धसमवृत्ति कहलाता है । इन भेदों के अनुसार संस्कृत और भाषा के छंदों के अनेक भेद होते हैं ।उदाहरण
. दोहा, सोरठा, चौपाई आदि छंद के प्रकार हैं । - वह विद्या जिसमें छंदों के लक्षण आदि का विचार हो , यह छह वेद गों में मानी गई है , इसे पाद भी कहते हैं
- अभिलाषा , इच्छा
- स्पैराचार , स्वच्छाचार , मनमाना व्यवहार
- बंधन , गाँठ
-
जाल , संघात , समूह
उदाहरण
. बीज के वृद में है तम छंद कलिंदजा हुंद लसै दरसानी । -
कपट , छल , मक्कर
उदाहरण
. राजबार अस गुणी न चाही जेहि दूना कर कोज । यही छंद ठग विद्या छला सो राजा भोज । . कहा कहति तू बात अयानी । वाके छंद भेंद को जानै मीन कबहुँ धौं पीवत पानी । -
नियंत्रण, रुचि, तरकीब, उपाय, युक्ति, बंधन, गाँठ, स्वेच्छाचार, मन, अभिप्राय, मतलब, अभिलाषा, इच्छा, चाल , युक्ति , कला , उपाय
उदाहरण
. फंद की मृगी लौं छंद छुटिबे को नेकौ नाहिं, चारयौ ओर कोरि कोरि भाँतिन सों रोक है । -
रंग ढंग , आकार , चेष्टा
उदाहरण
. गिरगिट छंद धरै दुख तेता । खन खन पीत रात खन सेता । -
चालबाजी
उदाहरण
. योगिहि बहुत छंद ओराहीं ।बूंध सुआती जैसे पाहीं । . सुनि नँद नंद प्यारे तेरे मुख चंद सम चंद पै नभयो कोटि छंद करि हारयो है— केशव (शब्द॰) । १२ - विष , जहर
- ढक्कन , आवरण
- पत्ती
संस्कृत ; विशेषण
- आकर्षक, मनोरम
- ऐकांतिक, गोपनीय, अप्रकट, गुप्त,
- प्रशंसक
छन्द के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएछन्द के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएछन्द के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- वेद वह वाक्य जिसमें वर्ण या मात्रा की गणना के अनुसार विराम आदि का नियम हो
छन्द के कन्नौजी अर्थ
छंद
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- मात्रा, वर्ण यति आदि के नियमों से युक्त वाक्य या पद्यात्मक रचना
छन्द के कुमाउँनी अर्थ
छंद
संज्ञा, पुल्लिंग
- धोखा, छल, मात्रा, वेद, यति आदि के नियमों से युक्त वाक्य, स्वेच्छाचार, छल छद-कपट व्यवहार
छन्द के ब्रज अर्थ
छंद
पुल्लिंग
-
वर्ण या मात्रा के अनुसार की गई रचना , पद्य ; अभिलाषा ; स्वेच्छाचार , मन- माना व्यवहार ; बंधन ; समूह ; छल, कपट
उदाहरण
. वे बहु छंद भरे गुन आगर नागर हौं मति भोरी की अधरा-रस चोरी । - उपाय , ८. अभिप्राय
सकर्मक क्रिया
-
स्तुति करना , गुणगान करना
उदाहरण
. गनेस गुन गावत सुरेस सेस छंदत ।
छन्द के मगही अर्थ
छंद
हिंदी ; संज्ञा
- पद्य, पद्य-बंध; युक्ति, अभिप्राय; बंधन, छान; छल, प्रपंच, चाल, छलछंद; स्त्रियों के हाथ में पहनने का एक आभूषण, छन
छन्द के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- स्वेच्छा, स्वच्छन्दता, रुचि
- शोभा, सौन्दर्य
- वृत्तलयानुकूल वाक्यविन्यास जेना दोहा, चौपाइ आदि
- वेद
Noun
- liberty, freedom, will, pleasure.
- beauty.
- verse, metre.
- the Veda.
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