चरस

चरस के अर्थ :

चरस के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • मोट से पानी निकालने का भैंस-गाय के चमड़े का थैला; चमार का चमड़ा छेदने का औजार; गांजा के पौधे की गोंद जिसे नशे के लिए चिलम पर पीते हैं

चरस के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • an intoxicating drug prepared from the flowers of hemp
  • a huge leather bucket

चरस के हिंदी अर्थ

फ़ारसी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • आसान प्रांत में अधिकता से होनेवाला एक प्रकार का पक्षी जिसका मांस बहुत स्वादिष्ट होता है, इसे वन मोर या चीनी मीर भी कहते हैं

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • भैंस या बैल आदि के चमड़े से बना हुआ थैला
  • चमड़े का बना हुआ वह बहुत बड़ा डोल जिससे प्राय: खेत सींचने के लिये पानी निकाला जाता हैं , चरसा , तरसा , पुर , मोट

    उदाहरण
    . चिबुक कूप, रसरी अलक, तिल सु चरस दुग बैल । बारी बैस गुलाब की

  • सींचत मनमथ छैल , —(शब्द॰)

    विशेष
    . इसमें पानी बहुत अधिक आता है और उसे खींचने क�� लिये प्राय: एक या दो बैल लगते हैं । ३

  • भूमि नापने का एक परिमाण जो किसी किसी के मत से २१०० हाथ का होता है , गोचर्म
  • गाँजे के पेड़से निकला हुआ एक प्रकार का गोद या चेप जो देखने में प्राय; मोम की तरह का और हरे अथवा कुछ पीले रंग का होता है और जिसे लोग गाँजे या तंबाकू की तरह पीते हैं , नशे में यह प्राय: गाँजे के समान ही होता है

    विशेष
    . यह चेष गाँजे के डंठलों और पत्तियों आदि से उत्तरपश्चिम हिमालय में नेपाल, कुमाऊँ, काश्मीर से अफगानिर- तानौं और तुर्किस्तान तक बराबर अधिकता से निकलता है, और इन्ही प्रदेशों का चरस सबसे अच्छा समझा जाता है । बंगाल, मध्यप्रदेश आदि देशों में और योरप में भी, यह बहुत ही थोड़ी मात्रा में निकलता है । गाँजे के पेड़यदि बहुत पास पास हों तो उनमें से चरस भी बहुत ही कम निकलता है । कुछ लोगों का मत है कि चरस का चेप केवल नर पौधों से निकलता है । गरमी के दिनों में गाँजे के फूलने से पहले ही इसका संग्रह होता है । यह गाँजे के डंठलों को हावन दस्ते में कूटकर या अधिक मात्रा में निकलने के समय उस पर से खरोचकर इकट्ठा किया जाता है । कहीं कहीं चमड़े का पायजामा पहनकर भी गाँजे के खेतों में खूब चक्कर लगाते हैं जिससे यह चेप उसी चमड़े में लग जाता है, पीछे उसे खरोचकर उस रूप में ले आते हैं जिसमें वह बाजारों में बिकता है । ताजा चरस मोम की तरह मुलायम और चमकीले हरे रंग का होता है पर कुछ दिनों बाद वह बहुत कड़ा और मटमैले रंग का हो जाता है । कभी कभी व्यापारी इसमें तीसी के तेल और गाँजे की पत्तियों के चूर्ण की मिलावट भी देते हैं । इसे पीते ही तुरंत नशा होता है और आँखें बहुत लाल हो जाती हैं । यह गाँजे और भाँग की अपेक्षा । बहुत अधिक हानिकारक होता है और इसके अधिक व्यवहार से मस्तिष्क में विकार आ जाता है । पहले चरस मध्यएशिया से चमड़े के थैलों या छोटे छोटे चरसों में भरकर आता था । इसी से उसका नाम चरम पड़ गया ।

चरस के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नसीला लट्ठा, गॉजे के पेड़ से निकला हुआ गोंद जिसको लोग गांजे की तरह पीते हैं, वन मयुर एक प्रकार पक्षी

चरस के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पानी निकालने का चमड़े का पात्र. 2. एक मादक द्रव्य

चरस के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गाँजे के पौधे से निकाला गया मादक पदार्थ जिसे गाँजे की तरह पीते हैं

Noun, Masculine

  • an intoxicating drug prepared from the lowers of hemp, cannabis.

चरस के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • गाँजे के पेड़ से निकला गोंद

चरस के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह चमड़े का थैला जिससे सिंचाई करते है,

चरस के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • पानी भरने का चमड़े का थैला , मोट

    उदाहरण
    . नर कोऊ करत पगतरिय काहू चोर चरस्स बनाया है।

चरस के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • गाजाक रस जकर धूम्रपान कएल जाइत अछि
  • रस्सी बटबाक चरखी

Noun

  • a smoking intoxicant derived from गाजा।
  • reel for twisting rope.

अन्य भारतीय भाषाओं में चरस के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

चरस - ਚਰਸ

गुजराती अर्थ :

चरस - ચરસ

उर्दू अर्थ :

चरस - چرس

कोंकणी अर्थ :

चरस

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