charu meaning in braj
- देखिए - चरी
चरु के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- चरागाह ; हविष्यान्न ; हविष्यान्न पकाने का पात्र ; चरागाह ; यज्ञ ; मेघ
चरु के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
हवन या यज्ञ की आहुति के लिए पकाया हुआ अन्न, हव्यान्न, हविष्यान्न
उदाहरण
. हाँड़ी हाटक घटित चरु, राँधे स्वाद सुनाज। - यज्ञ आदि के लिए अन्न पकाने का पात्र
- मिट्टी के कसोरे में पकाया हुआ चार मुट्ठी चावल
- बिना माँड़ पसाया हुआ भात, वह भात जिसमें माँड़ मौजूद हो
- पशुओं के चरने की ज़मीन, चरागाह
- वह महसूल जो पशुओं के चरने की ज़मीन पर लगाया जाय
- यज्ञ
- बादल, मेघ
हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- चरी
चरु के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- दुधारु पशुओं के छोटे-छोटे बच्चे, चिड़िओं के बच्चे
संज्ञा, पुल्लिंग
- जंगल में पशुओं को प्रवेश देने के लिए वन विभाग द्वारा लिए जाने वाला शासकीय शुल्क
चरु के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हवन के लिये पकाया हुआ अन्न, छोटा लोटा, ताम्रपात्र।
क्रिया
- कुल्ला करना।
चरु के तुकांत शब्द
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