chaudah vidyaa, chaudah bhuvan, chaudah ratn meaning in hindi

चौदह विद्या, चौदह भुवन, चौदह रत्न

चौदह विद्या, चौदह भुवन, चौदह रत्न के हिंदी अर्थ

  • देखिएः 'विद्या', 'भुवन' और 'रत्न'

    विशेष
    . सनातन धर्म ग्रंथों में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, नक्षत्र, वास्तु, आयुर्वेद, वेद, कर्मकांड, ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र, हस्तरेखा और धनुर्विद्या जैसी चौदह विद्याएँ प्रमुख मानी गई हैं। इनके साथ ही प्राणविद्या, त्राटक, सम्मोहन, जादू, टोना, स्तंभन, इन्द्रजाल, तंत्र, मंत्र, यंत्र, चौकी बाँधना, गार गिराना, सूक्ष्म शरीर से बाहर निकलना, पूर्वजन्म का ज्ञान होना, अंतर्ध्यान होना, त्रिकालदर्शी बनना, मृत संजीवनी विद्या, पानी बताना, अष्टसिद्धियां, नवनिधियां आदि अपरा विद्याएँ भी हैं। चौदह भुवन- अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, पाताल तथा रसातल, भूर्लोक, भूवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक और सत्यलोक हैं। इसी तरह चौदह रत्न- अमृत, ऐरावत, कल्पवृक्ष, कौस्तुभ मणि, उच्चैश्रवा घोड़ा, शंख, चंद्रमा, धनुष, कामधेनु, धनवंतरि वैध, रम्भा अप्सरा, लक्ष्मी, वासुकी और वृक्ष हैं।

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