chay meaning in braj
छय के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक
-
क्षय , नाश
उदाहरण
. रबि ससि कोटि कला अवलोकत, त्रिविध ताप छय जाइ। - नष्ट होना
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
-
छा जाना , ढक जाना
उदाहरण
. मानहु किकिंधा विधि सिंधु छोर च्यो है । - शोभित होना
छय के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
नाश , विनाश
विशेष
. दे॰ 'क्षय' ।उदाहरण
. जेहि रिपु छय सोइ रचेन्हि उपाऊ । भावी वश न जान कछु राऊ ।
छय के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएछय के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- क्षय, सहायक क्रिया, नाश होना, पराजीत होना
छय के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- नाश
छय के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- छय रोग
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