chhip meaning in braj
छिप के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- ओट में होना; दृष्टि से बाहर होना; प्रकट या प्रत्यक्ष न होना; अस्त होना
छिप के तुकांत शब्द
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