चितभंग

चितभंग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चितभंग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ध्यान न लगाना, उचाट, उदासी

    उदाहरण
    . मेरो मन हरि चितवन समझानो। यह रसमगन रहति निसि बासर हार जीत नहिं जानो। सूरदास चितभंग होत क्यो जो जेहि रूप समानो। . कमल, खंजन, मीन मधुकर होत है चितभंग। . देव मान मन भंग चितभंग मद क्रोध लोभादि पर्वत दुर्ग भुवन भर्ता।

  • बुद्धि का लोप, होश का ठिकाने न रहना, मतिभ्रम, भौचक्कापन, चकपकाहट

चितभंग के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चित्त ठिकाने न रहना

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चंचला

चितभंग के बुंदेली अर्थ

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • द्विविधापूर्ण स्थिति में विवेक शून्यता, विचलित विचार, कुछ सोचने और कुछ करने की स्थिति में न होना

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