चित्रनी

चित्रनी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चित्रनी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कामशास्त्र के अनुसार स्त्रियों के चार भेदों में से एक

चित्रनी के हिंदी अर्थ

चित्रिणी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • (कामशास्त्र तथा साहित्य) चार प्रकार की नायिकाओं या स्त्रियों में वह नायिका जो अनेक प्रकार की कलाओं तथा बनाव-सिंगार करने में निपुण हो, पद्मिनी आदि स्त्रियों के चार भेदों में से एक

    विशेष
    . डील-डौल न बहुत भारी न बहुत छोटा, नाक तिल के फूल की सी, नेत्र कमलदल के समान, मुँह तिल, बिंदी आदि से सँवारा हुआ, यही सब इसके लक्षण हैं। यह विविध कलाओं तथा शृंगारचेष्टा में निपुण होती हैं। इस जाति की स्त्री के साथ मृग जाति के पुरुष का जोड़ उपयुक्त होता है।

चित्रनी के मैथिली अर्थ

चित्रिणी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कामशास्त्र के अनुसार नायिका का एक भेद

Noun, Feminine

  • a type of woman characterised by sexual merit and behaviour (in sexology)

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