दौ

दौ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

दौ के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जानवरों के लिए पकाया जाने वाला खाद्यान्न; खेलने की बारी, चाल, दाँव-पेंच, पासे या जुए की कौड़ी का दाँव; युक्ति, कार्य-साधन का उपाय; पारी; उपयुक्त समय; दॉव, खाँगा

दौ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • आग, जंगल की आग

    उदाहरण
    . मन पाँचों के बस परा मन के बस नहीं पाँच । जित देखौ तित दौ लगी, जित भागौ तित आँच । . तौ लौं मातु आपु नीके हरिबो । जौ लौं हौं ल्यावों रघुबीरहि दिन दस और दुसह दुख सहिबो ।

  • लंक दाहु उर आनि मानिबो साँचु रामसेवक को कहिबो, तुलसी प्रभु को सुर सुजस गैहैं मिटि जैहैं सबके सोच दौ दहिबो, — तुलसी (शब्द॰)
  • संताप, ताप, जलन

    उदाहरण
    . ससि ते शीतल मोको लागै माई री तरनि । याके उए बरति अधिक अंग अंग दौ, वाके उए मिटति रजनि जनित जरनि । सब विपरीत भये माधो बिनु, हित जो करत अनहित सत की करनि । तुलसीदास स्यामसुंदर विरह की दुसह दसा सो मोपै परती नहीं बरनि ।

दौ के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दांव; बदला लेने का मौका; बारी

Noun, Masculine

  • move, strategy; chance to take revenge; turn.

दौ के मगही अर्थ

संज्ञा

  • दे. 'दौंक'

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