devgirii meaning in hindi
देवगिरी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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एक रागिनी जो सोमेश्वर के मत से वसंत राग की, भरत के मत से हिंदोल राग के पुत्र नागध्वनि की, संगीतदर्पण के मत से नटकल्याण की और हनुमंत के मालकोश राग की भार्या मानी जाती है
विशेष
. यह हेमंत ऋतु में दिन के चौथे पहर से लेकर आधी रात तक गाई जाती है। किसी के मत से यह रागिनी संकर है और शुद्ध पूर्वी और सारंग के मेल से और किसी के मत से सरस्वती, मालश्री और गांधारी के मेल से बनी है। यह संपूर्ण जाति की रागिनी है और इसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं।उदाहरण
. देवगिरी हेमंत ऋतु में दिन के चौथे पहर से लेकर आधी रात तक गाई जाती है।
देवगिरी के तुकांत शब्द
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