धमनी

धमनी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

धमनी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • an artery

धमनी के हिंदी अर्थ

धमनि

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • शरीर के भीतर की वह छोटी या बड़ी नली जिसमें रक्त आदि का संचार होता रहता है

    विशेष
    . सुश्रुत के अनुसार धमनियाँ २४ हैं और नाभि से निकलकर १० ऊपर की ओर गई हैं, १० नीचे की और तथा चार बगल की ओर । ऊपर जानेवाली धमनियों द्वारा शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध, प्रश्वास, जँभाई, छींक, हँसना, रोना, बोलना इत्यादि व्यापार होते हैं । ये ऊर्ध्वगामिनी धमनियाँ हृदय में पहुँचकर तीन तीन शाखाओँ में विभक्त होकर ३० हो जाती हैं । इनसें से २ वातवहा, २ पित्तवहा, २ कफवहा, २ रक्तवहा और २ रसवहा, दस तो ये हैं । इनके अतिरिक्त ८ शब्द, रूप, रस और गंध को वहन करनेवाली है । फिर २ से मनुष्य बोलता है, २ से घोष करता है, २ से सोता है, २ से जागता है, २ धमनियाँ अश्रुवाहिनी हैं और २ स्त्रियों के स्तनों में दूध या पुरुषों के शरीर में शुक्र प्रवर्तित करनेवाली हैं । यह तो हुई ऊर्ध्वगामिनी धमनियों की बात । अब इसी प्रकार अधोगामिनी धमनियाँ वात, मूत्र, पुरीष, वीर्य, आर्तव इनको नीचे की ओर ले जाती हैं । ये धमनियाँ पहले पित्ताशय में जाकर खाए पीए हुए रस को उष्णता से शुद्ध करके उसे ऊर्ध्वगामिनी और तियँग्गामिनी धमनियों तथा सारे शरीर में पहुँचाती हैं । ये १० अधोगामिनी धमनियों भी आमाशय और पक्वाशय के बीच में पहूँचकर तीन तीन भागों में विभक्त होकर ३० हो जाती हैं । इनमें से दो दो धमनियाँ वायु, पित्त, कफ, रक्त और रस की वहन करने के लिये हैं । आँतों से लगी हुई २

  • अन्नवाहिनी हैं, २ जलवाहिनी है और २ मूत्रवाहिनी , मूत्रवस्ति से लगी हुई २ धमनियाँ शुक उत्पन्न करनेवाली और २ प्रवर्तित करने या निकालनेवाली हैं , मोटी आँत सें लगी हुई २ मल को निका- लेती हैं , बाकी ८ धमानियाँ तिरछी जानेवाली धमनियों कौ पसीना देतो हैं
  • तिर्यग्गामिनी धमनियाँ हैं , उनकी सहस्त्रों लाखों शाखाएँ होकर आरीर के भीतर जाल की तरह फैली हुई हैं
  • वह नली जिसमें हृदय से शुद्ध लाल रक्त हृदय के स्पँदन द्वारा क्षण क्षण पर जाकर शरीर में फैलता रहता है , नाड़ी (आधुनिक)

    विशेष
    . 'धमनी' शब्द 'धम' धातु से बना है जिसका अर्थ है धौंकना । हृदय का जो स्पदन होता है वह भाथी के फूलने पचकने के समान होता है । अतः शुद्ध रक्तवाहिनी नाड़ियों को धमनी कहना बहुत उपयुक्त है । दे॰ 'नाड़ी' ।

  • हलदी
  • कंठ , ग्रीवा , गर्दन (को॰)
  • वाक् , वाणी (को॰)
  • नरकट (को॰)
  • शरीर की वह नली जिसके द्वारा हृदय से चलकर शुद्ध रक्त सारे शरीर में पहुँचता है

    उदाहरण
    . धमनी में शुद्ध रक्त बहता है ।

  • (शरीर रचना विज्ञान) रक्त को ले जाने वाली शिरा या नलिका; रुधिरवाहिका; नाड़ी; (आर्टरी)
  • फुँकनी; धौंकनी
  • हल्दी
  • प्रलाद के भाई ह्लाद की स्त्री जो वातापि और इल्वल की माता थी
  • वाक्-शक्ति, वाणी
  • शरीर के अन्दर की उन नलियों या नसों का समूह जिनके द्वारा हृदय से निकलकर चलनेवाला रक्त सारे शरीर में पहुँचता या फैलता है, (आर्टरी) विशेष-सुश्रुत में इनकी संख्या २४ बतलाई गई है और कहा गया है कि इनकी छोटी-छोटी हजारों शाखाएँ सारे शरीर में फैली हुई हैं, इन छोटी-छोटी शाखाओं को धमनिका कहते हैं

धमनी के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

धमनी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • नाड़ी आदि का संचार करने वाली, छोटी या बड़ी नली

धमनी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बन्द बैलगाड़ी, सवारी के लिए विशेष प्रकार की बैलगाड़ी

धमनी के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मुख्य रक्तवाहिनी नाड़ी

Noun

  • artery.

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