Dingar meaning in braj
डिंगर के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- मोटा आदमी ; धूर्त या नीच व्यक्ति ; दास , सेवक
डिंगर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- मोटा आदमी, मोटासा
- धूर्त या पाजी व्यक्ति, दुष्ट, बदमाश, ठग, कमीना, बदचलन
- दास, ग़ुलाम
- दुष्ट या नीच प्रकृति का मनुष्य, निम्न कोटि का व्यक्ति
- फेंकने की क्रिया, फेंकना, क्षेपण
- तिरस्कार, अपमान
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह काठ जो नटखट चौपायों के गले में बाँध दिया जाता है, ठिंगुरा
उदाहरण
. कबिरा माला काठ की पहिरी मुगद डुलाय। सुमिरन की सुध है नहीं ज्यों डिंगर बाँधी गाय।
डिंगर के कुमाउँनी अर्थ
डिङर
विशेषण
- तराई निवासी के लिए अशिष्ट प्रयोग, काला, दुष्ट (ने० वृ० को०)
डिंगर के मगही अर्थ
हिंदी ; विशेषण
- आज्ञा न मानने वाला; नटखट, दुष्ट, बदमाश, नीच, दे. 'डेहंडल'
डिंगर के तुकांत शब्द
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