dohaa meaning in bajjika
दोहा के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- चार चरणों का छन्द
दोहा के हिंदी अर्थ
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक हिंदी छंद, जिसमें होते तो चार चरण हैं, पर जो लिखा दो पंक्तियों में जाता है, अर्थात् पहला और दूसरा चरण एक पंक्ति में और तीसरा और चौथा चरण दूसरी पंक्ति में लिखा जाता है , इसके पहले और तचीसरे चरण में १३—१३ मात्राएँ और दूसरे तथा चौथे चरण में ११—११ मात्राएँ होती हैं , दूसरे और चौथे तरण का तुकांत मिलना चाहिए , जैसे,—राम नाम मणि दीप धरु, जीह देहरी द्वार , तुलसी भीतर बाहिरो, जौ चाहसि उजियार
विशेष
. इसी को उलट देने से सोरठा हो जाता है । - संकीर्ण राग का एक भेद
दोहा के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएदोहा के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हिन्दी की एक मात्रा वृत छन्द
दोहा के अवधी अर्थ
संज्ञा
- दो पंक्तिवाला प्रसिद्ध छंद
- वह ब्याह जिसमें दूल्हे की पहली स्त्री मर चुकी हो
दोहा के कन्नौजी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- एक छंद जिसमें प्रथम और तृतीय चरण में 13-13 तथा द्वितीय और चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं
दोहा के बुंदेली अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- मात्राओं के क्रम से चार चरणों वाला एक छन्द, मोनिया नृत्य या अन्य लोकगीत गोष्ठियों में प्रारम्भ में कहा जाने वाला छन्द
दोहा के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- "दू अर्धक (पाँती) बाला' एक छन्द
Noun
- a metre of two hemistiches, couplet.
दोहा के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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