drishTivaad meaning in hindi
दृष्टिवाद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह सिंद्धात जिसमें दृष्टि या प्रत्यक्ष प्रमाण ही की प्रधानता हो
-
जैनियों के बारह अंगों में से एक जिसकी रचना गणधर लोग तीर्थकरों के उपदेशों को लेकर करते हैं
विशेष
. ये /??/ धर्म के मूल ग्रंथ है । ग्यारह अंग तो मिलते हैं पर यह दृष्टिवाद नहीं मिलता । जैनाचार्य सकल कीर्ति रचित 'तत्वार्थसारदीपक' में इसका जो उल्लेख मिलता है उससे पाया जाता है कि इसमें चंद्र, सूर्य आदि की गति आयु आदि, प्रणापान चिकित्सा, मंत्र, तंत्र तथा अनेक प्रकार के विषय संमिलित हैं । - एक दार्शनिक सिद्वान्त जिसमें केवल प्रत्यक्ष क्रियाओं, घटनाओं, चीजों आदि की सत्ता मानी जाती है, आत्मा, परमात्मा, स्वर्ग आदि अदृश्य चीजों की सत्ता नहीं मानी जाती
दृष्टिवाद के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएदृष्टिवाद के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- empiricism
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